सहारनपुर: सर्दियों में बढ़ते हार्ट अटैक के खतरे को देखते हुए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने सहारनपुर के प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। जिसमें मैक्स हॉस्पिटल देहरादून के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. पुनीश सदाना ने सर्दियों में हार्ट अटैक होने के कारण और बचाव के बारे में जानकारी दी।

हृदय रोगियों के लिए सर्दियों का मौसम परेशानियां लेकर आता है, ठंड में हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि ठंड के मौसम में नसें ज्यादा सिकुड़ जाती हैं, नसों को गर्म और एक्टिव करने के लिए ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है जिससे हार्ट पर दवाब पड़ता है और मरीज का ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

मैक्स हॉस्पिटल देहरादून के हृदय रोग विभाग के डायरेक्टर डॉ. पुनीश सदाना ने बताया कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि दिल के मरीज को समय रहते मेडिकल सहायता मिले , क्योंकि हार्ट अटैक आने पर तुरंत उपचार मिलने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। लेकिन ज्यादातर लोगों को हार्ट अटैक से लक्षणों का पता ही नही होता है, ऐसे में लोगों को इसके बारे में जागरुक होना चाहिए और छोटा सा छोटा लक्षण दिखने पर तुरंत कॉर्डियोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि किसी मरीज के सीने में मध्य या बायीं ओर दर्द या बेचैनी हो, जो कुछ मिनटों से अधिक समय तक रहती है, गर्दन, पीठ, एक या दोनों हाथ या कंधों में दर्द या बेचैनी हो, चक्कर या बेहोशी महसूस हो, मतली या उल्टी महसूस हो, ठंडा पसीना आए, सांस लेने में कठिनाई हो और बेवजह थकान महसूस हो, ब्लड़ प्रेशर बढ़ जाएं तो बिना देर किए अस्पताल जाना चाहिए।

इसके अलावा, डॉ. पुनीश सदाना ने उन कारणों के बारे में भी बताया, जिनकी वजह से सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा, सोते समय शरीर की गतिविधियां धीरे हो जाती हैं। बीपी और शुगर का लेवल भी कम होता है। लेकिन उठने से पहले ही शरीर का ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम उसे सामान्य स्तर पर लाने का काम करता है। यह सिस्टम हर मौसम में काम करता है। लेकिन ठंड के दिनों में इसके लिए दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे जिन्हें हार्ट की बीमारी है, उनमें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

सर्दियों में हार्ट फेलियर और कार्डियोवैस्कुलर की बीमारी इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि सर्दियों में तेल व मसालेदार खाना ज्यादा खाया जाता है, जिससे कोलेस्ट्रोल बढ़ने की संभावना होती है और कोलेस्ट्रोल बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। हृदयरोगी अपनी लाइफस्टाइल व खान – पान में बदलाव, दवाइयां और अन्य उपचारों से अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं। इसके लिए स्वस्थ और संतुलित आहार लेना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना, नियमित रूप से व्यायाम करना, धूम्रपान से बचना और रक्त कोलेस्ट्रॉल और शूगर स्तर को नियंत्रित करना जरूरी है।

हृदय रोगियों को सुबह-सुबह जब मौसम बहुत ठंडा हो, बाहर सैर करने से बचना चाहिए, वह धूप आने के बाद वॉक कर सकते हैं। इसके अलावा ज्यादा पानी ना पिएं क्योंकि हार्ट शरीर में मौजूद खून के साथ लिक्विड को पम्प करने का भी काम करता है। हृदय रोगियों का दिल वैसे भी पम्प करने में ज्यादा मेहनत करता है। ऐसे में अगर आप बहुत ज्यादा पानी पी लेंगे तो हार्ट को पम्पिंग में और भी मेहनत करनी पड़ेगी और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाएगा। पानी कितना और कब पीना है इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, साथ ही, संतुलित आहार लेना और नमक, तेल और मसालेदार भोजन कम करना चाहिए, इससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की संभावना कम होती है।

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